Thursday 12 August 2010

चलो अफ्रीका में करें खेती

jagaran 12.08.2010
दूसरों की जमीनों पर अपने खून-पसीने से सोना पैदा करने वाले हजारों किसानों की किस्मत बदल सकती है। अपने मुल्क में न सही, लेकिन कुछ अफ्रीकी देशों में उन्हें खेती करने और उस जमीन का मालिक बनने का मौका जरूर मिल सकता है। ये अफ्रीकी देश 99 साल के पट्टे पर अपनी भूमि विदेशी किसानों को मुफ्त में देने को तैयार हैं। चीन समेत कई देशों के किसानों ने तो इस मौके का लाभ उठाते हुए वहां अपनी मौजूदगी दर्ज भी करा दी है। देश के प्रमुख उद्योग संगठन एसोचैम के मुताबिक भारतीय किसानों को भी इस मौके का फायदा उठाने से नहीं चूकना चाहिए। एसोचैम ने तो विदेश मंत्रालय को इसे लेकर एक प्रस्ताव भी भेज दिया है। उद्योग चैंबर के महासचिव डीएस. रावत ने कहा कि यह मौका सभी किसानों के लिए उपलब्ध है। इन देशों में जाकर किसान कोई भी फसल उगा सकेंगे। इस उपज को वे न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि अन्य देशों में भी बेच सकेंगे। इस अवसर से किसानों को तो फायदा होगा ही, वे अफ्रीकी देश भी लाभान्वित होंगे जो यह मौका दे रहे हैं। किसानों को भूमि 99 साल के पट्टे पर मिलेंगी। इसका मतलब यह हुआ कि भूमि पर किसान का कब्जा ताउम्र रहेगा। और तो और उसकी करीब तीन पीढि़यों को इसका लाभ मिल सकेगा। अफ्रीकी देशों ने इस तरह का कदम अपने यहां खाद्य पदार्थो की जबरदस्त किल्लत को देखते हुए उठाया है। उन्हें उम्मीद है कि इससे खाने-पीने की वस्तुओं के अभाव से उपजे संकट से कारगर तरीके से निपटा जा सकेगा। दूसरे अफ्रीकी देश मसलन सूडान और इथोपिया भी अपने यहां किसानों को इस अवसर का फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। चीन के कई किसानों ने अफ्रीकी देशों की पेशकश स्वीकार कर पहले ही यहां खेती शुरू कर दी है। वैसे अपने स्तर पर पंजाब और कर्नाटक के किसानों ने भी अफ्रीका के कई देशों में जमीनें खरीदकर काम शुरू कर दिया है। एसोचैम ने विदेश मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में कहा कि उद्योग संगठन भारतीय किसानों और इन अफ्रीकी देशों के बीच तालमेल बैठाने को तैयार हैं। मंत्रालय को सुझाव दिया गया है कि इस काम में केंद्र व राज्य सरकारें सामने आएं और इच्छुक किसानों को विदेश जाने के लिए मिलकर जरूरी रकम उपलब्ध कराएं।

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